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एकेलेसिआ कार्डीया: खुराक निगलने की समस्या का दूरबीन से इलाज
लेप्रोस्कोपिक जनरल सर्जरी वीडियो देखें / Oct 3rd, 2022 2:13 pm     A+ | a-


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एकेलेसिआ क्या होता है? एकेलेसिआ एक अनूठी अवस्था है जिसमे मरीज को खुराक और प्रवाही निगलनेमें दिकत होती है। एकेलेसिआ कार्डिया के लिए लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के परिणाम: इस सर्जरी में लम्बे समय के उत्तम परिणाम मिलते है। 70- 90 % दर्दीओंमे लम्बे समय तक समस्या में बेहद आराम रहता है। सर्जरी का परिणाम मनोमेट्री में पता चलने वाले एकेलेसिआ के टाइप और बेरियम में पता चलने वाले अन्ननली की चौड़ाई की मात्रा पर निर्भर करता है। जो दर्दी अपनी समस्या के बारेमे सतर्क होते है और अन्ननली ज्यादा चौड़ी हो जाये उससे पहले सर्जरी करवाते है उनको सर्जरी के परिणाम ज्यादा बेहतर मिलते है। पर जो समस्या तो नजरंदाज करके इलाज को टालते है और सर्जरी अन्ननली ज्यादा चौड़ी हो जाये उसके बाद सर्जरी करवाते है उनके परिणाम उतने अच्छे नहीं होते। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में फन्डोप्लिकेशन भी करने की वजह से एसिड रिफ्लक्स होने की गुंजाईश काफी काम होती है। एकेलेसिआ के लक्षण क्या है ? एकेलेसिआ के दर्दीओकी मुख्य समस्या खाना निगलने में अटकन होती है। खाते समय खुराक और प्रवाही दोनों सिनेमे फसा हुआ हो ऐसा महसूस होता है। इससे कई बार निगलते समय सिनेमे दर्द भी हो सकता है। कई बार सोते समय सिनेमें जमा खाना और प्रवाही वापस ऊपर मुँह तक आ जाता है। इसकी वजहसे नींद में खांसी आना या नाक से पानी निकलनेकी समस्या भी होती है। अन्ननलीमें जमा खाना वहा असर करके हार्टबर्न भी कर सकता है। एकेलेसिआ के ज्यादातर दर्दीओ का वज़न भी कम हो जाता है। ये समस्या काफी धीरेसे बढ़ती है, और इसलिए कई मरीज तक़लीफ ज्यादा गंभीर होने तक तबीबी नहीं लेते। कई दर्दी खानेकी गति कम करके समस्या का हल ढूंढते है तो कुछ दर्दी निगलते समय गर्दन ऊपर करके या कंधा पीछे करके खाना निगलने की कोशिश करते है। एकेलेसिआ के दर्दीको अन्ननलिके कैंसर की संभावना सामान्य व्यक्ति के मुकाबले अधिक होती है, इसलिए समय पर उचित इलाज करना और उचित फॉलो उप करना आवश्यक है। एकेलेसिआ कार्डीया में क्या होता है ये समजने के लिए, आइये पहले समझते है की खुराक निगलने की सामान्य प्रक्रिया क्या होती है। खुराक निगलने की सामान्य प्रक्रिया एक आम इंसान जब खाना निगलता है तब उसके अन्ननली के स्नायु तालबद्ध तरीके से संकोचन विस्तरण करते है, जिसकी मदद से निगला हुआ खुराक निचे की और आगे बढ़ता है। स्नायुओ के इस संकोचन विस्तरण को पेरीस्टालसिस कहते है। जब व्यक्ति खुराक निगलता है तब अन्ननली के निचले हिस्सेमें आया LES वाल्व सुस्त यानिकि रिलैक्स होता है , और उसके खुलते ही खुराक जठर में प्रवेश करता है। खाना जठरमे पहुते ही LES वाल्व फिर से मजबुतीसे बंध हो जाता है। एकेलेसिआ कार्डीया का इलाज एकेलेसिआ कार्डीया के इलाज के बारे में सबसे पहले हमें ये समजने की आवश्यकता है की, अन्ननली के नाश हुए चेता कोष यानि Nerve cells किसी भी इलाज से वापस सामान्य यानि नार्मल नहीं हो सकते। उपलब्ध इलाजो मे से कोई भी इलाज अन्ननली के स्नायुओं के लयबद्ध संकोचन यानि पेरीस्टालसिस में सुधर नहीं कर सकते। सभी इलाज सिर्फ अन्ननली के निचले हिस्से में रहे LES वाल्व को सुस्त बनाके खुला रखने का काम करते है, ताकि वो खुराक के अन्ननली से जठर में जानेमे अवरोध न करे। इसके बाद खाना गुरुत्वाकर्षण की मदद से अन्ननली में नीचेकी तरफ आगे बढ़ता है और वाल्व के अवरोध के बिना आसानी से जठर में प्रवेशता है। इलाज दो प्रकारके होते है सर्जिकल और नॉन सर्जिकल । ज्यादा तर, सर्जिकल विकल्प दर्दीओंकी समस्या लम्बे समय के लिए सुधरनेमे ज्यादा असरकारक होते है। लैप्रोस्कोपिक और एंडोस्कोपिक। आइये दोनों के बारेमे विस्तार से चर्चा करते है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी: जिसे Laparoscopic Heller cardiomyotomy with Dor Fundoplication कहते है ये सर्जरी एकेलेसिआ कार्डीया का गोल्ड स्टैंडर्ड इलाज है। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी में पेट पर छोटे छोटे छेद करके उसमे से कैमरा और अन्य साधन अंदर डालें जाते है और उसीसे सर्जरी की जाती है। Laparoscopic surgery for Achalasia Cardia: Heller’s cardiomyotomy with Dor fundoplication. सर्जन LES वाल्व के स्नायुओ को कैमरे की दृष्टी की मदद से बारीकीसे शिस्तबद्ध तरीकेसे काटते है और वाल्व को खुला छोड़ते है। जिससे खाना आसानीसे जठर में प्रवेश कर सकता है। ये सब कैमरे की निगरानीमें होने की वजहसे वाल्व के स्नायु को काटने का काम यथार्थ तरीकेसे हो सकता है। अगर सर्जरी के दौरान अन्ननली के अंदरूनी लेयर म्यूकोसा में छेद होता है, तो उसे तभी टांके लेकर रीपैर कर दिया जाया है और सर्जरी के अंतिम परिणाम में कोई बदलाव नहीं आता। सर्जरी के दौरान ही एन्डोस्कोपी भी की जाती है, जिसमे वाल्व पूरी तरह खुलजाने की और म्यूकोसा में कोई छेद नहीं हुआ उसकी पुष्टि की जाती है। सर्जरी के बाद उसी दिन दर्दी को पहले प्रवाही और उसके बाद में नरम आहार दिया जाता है। सर्जरी के कुछ ही घंटो में मरीज बेड से निकलकर घूम फिर सकते है और दूसरे दिन डिस्चार्ज हो के घर जा सकते है। सर्जरी के दौरान अगर म्यूकोसा मे छेद हुआ हो और उसे रिपेयर किया गया हो, तो डिस्चार्ज में एक या दो दिन का विलम्ब हो सकता है। एक हफ्तेमें आप नार्मल खुराक ले सकते है, पर आपको इस बात का हमेशा खयाल रखना है की आप खाना अच्छे से चबाकर, धीरेसे और आरामसे बैठी हुई अवस्थामे ही खाये। Contact Us: World Laparoscopy Hospital Cyber City, Gurugram, NCR Delhi INDIA Phone/WhatsApp: +919811416838
 
2 कमैंट्स
डॉ. निखिल जैन
#2
Oct 9th, 2022 12:55 pm
एकेलेसिआ के दर्दीओकी मुख्य समस्या खाना निगलने में अटकन होती है। खाते समय खुराक और प्रवाही दोनों सिनेमे फसा हुआ हो ऐसा महसूस होता है। इससे कई बार निगलते समय सिनेमे दर्द भी हो सकता है। कई बार सोते समय सिनेमें जमा खाना और प्रवाही वापस ऊपर मुँह तक आ जाता है। इसकी वजहसे नींद में खांसी आना या नाक से पानी निकलनेकी समस्या भी होती है। अन्ननलीमें जमा खाना वहा असर करके हार्टबर्न भी कर सकता है। एकेलेसिआ के ज्यादातर दर्दीओ का वज़न भी कम हो जाता है। एकेलेसिआ के दर्दीको अन्ननलिके कैंसर की संभावना सामान्य व्यक्ति के मुकाबले अधिक होती है, इसलिए समय पर उचित इलाज करना और उचित फॉलो उप करना आवश्यक है।
डॉ. पवन अग्रवाल
#1
Oct 5th, 2022 10:01 am
निगलने में कठिनाई डिस्पैगिया का एक लक्षण है, जिसमें व्यक्ति को भोजन या पेय निगलने में कठिनाई की ‎अनुभूति होती है। ऐसे लोगों के लिए ठोस या तरल पदार्थ मुंह से पेट तक आसानी से नहीं जाता है। निगलने वाले ‎तंत्र में अन्नप्रणाली के ग्रसनी हिस्से में सनसनी की कमी है। कभी-कभी निगलने में कठिनाई एक दर्द के साथ भी ‎महसूस हो सकती है और कुछ मामलों में व्यक्ति को निगलने में भी सक्षम नहीं हो सकता है। लगातार निगलने में ‎कठिनाई को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और उपचार की आवश्यकता होगी।
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