पित्त की पथरी- हल्के में न लें इसे | लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॅमी (दूरबीन द्वारा आपरेशन) का वीडियो देखें
    
    
    
     
       
    
        
    
    
     
    पित्ताशय की पथरी या पित्त की थैली में पथरी की समस्या काफी आम बनती जा रही है। यह समस्या लगभग हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है।
एक अध्ययन के अनुसार भारत में कुल जनसंख्या में से लगभग 8 प्रतिशत लोग पित्त की थैली में पथरी (पित्ताशय की पथरी) की समस्या से पीड़ित हैं। ये आंकड़े इस समस्या की भयावह स्थिति को बयां करने के लिए काफी हैं।
इसके बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि लोगों में इस समस्या के प्रति जागरूकता की कमी है। वे इसे लेकर बहुत सा शंकाओं को पाले बैठे हैं और इसी कारण वे इससे निजात नहीं पा पाते हैं।
क्या आप भी पित्ताशय की पथरी (गैलस्टोन) की संपूर्ण जानकारी से वंचित हैं, तो आपको जितनी जल्दी हो सके पित्त की पत्थरी से संबंधित आवश्यक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए क्योंकि यह समस्या आपको भी हो सकती है।
पित्ताशय मुख्य रूप से थैली के आकार का अंग होता है, जो लीवर के नीचले हिस्से पर स्थित होतो है। पित्ताशय, लीवर द्वारा पित्त (पित्त) को अस्थाई करता है। भोजन के बाद, पित्ताशय कैंसर की तरह खाली और सपाट हो जाता है।
वहीं दूसरी ओर, भोजन से पहले पित्ताशय पित्त (पित्त) से भर सकता है, जो दिखने में छोटे-से नाशपाती की तरह लगता है। पित्ताशय की पथरी (गैलस्टोन) शोधन तरल पदार्थ का कठोर रूप होता है, जो पित्ताशय की थैली में जाता है। दूसरे शब्दों में, पित्ताशय की पथरी कोलेस्ट्रॉल से बने छोटे-छोटे टूकड़े होते हैं, शुरुआत में इनका आकार बहुत छोटा होता है, लेकिन समय बीतने के साथ-साथ इनका आकार काफी बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप लोगों को पेट में असहनीय दर्द होता है।
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